Pregnant woman showing her tummy

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पीसीओडी और पीसीओएस के बीच अंतर

pcod and pcos difference in hindi

पीसीओडी PCOD और पीसीओएस PCOS के बीच अंतर

बहुत से सर्वे और अध्ययनों के अनुसार भारत में करीब 10 फीसदी महिलाएं पीसीओएस PCOS व पीसीओडी PCOD से पीड़ित हैं। सामान्य आकड़ो के अनुसार बच्चे पैदा करने वाली उम्र (18 वर्ष से 45वर्ष) लगभग प्रत्येक 10 महिलाओं में से एक महिला इससे पीड़ित है। पीसीओएस व पीसीओडी बीमारी के आगे बढ़ने की बड़ी वजह बहुत सी महिलाएं शुरूआती संकेतों को अनदेखा करती हैं। इससे प्रारंभिक स्तर पर बीमारी का निदान करने की संभावनाएं खत्म हो जाती है। पीसीओएस के साथ एक सामाजिक कलंक भी जुड़ा है।

लोगों का मानना है कि अगर महिलाएं इससे पीड़ित हैं तो वह महिला बांझ हो जाएगी। इससे महिला के भीतर काफी डर पैदा हो सकता है। PCOD और PCOS एक दूसरे से अलग हैं। पीसीओएस (PCOS) और पीसीओडी (PCOD) महिलाओं के अंडाशय (ovaries) और हॉर्मोन से संबंधित आम समस्या है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या पीसीओएस (PCOS) महिलाओं में सबसे आम हॉर्मोनल रोग है और यह महिलाओं में बांझपन (infertility) का आम कारण है। डायबिटीज, डिप्रेशन (depression) और एंडोमेट्रियल कैंसर (endometrial cancer) भी बांझपन से जुड़े कुछ कारण हैं।इससे साफ पता चलता है कि यह समस्या कितनी गंभीर है। हालांकि, गर्भ निरोधक दवाएं (birth control pills), रोजाना व्यायाम और हरे भरे भोजन से इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है (irrelevant sentences)

पीसीओडी PCOD और पीसीओएस PCOS के बीच का मुख्य अंतर क्या हैं:

  • पीसीओडी PCOD एक सामान्य स्थिति है जबकि पीसीओएस PCOS एक गंभीर समस्या है।
  • PCOD का इलाज स्वस्थ आहार और जीवनशैली से किया जा सकता है, जबकि पीसीओएस के इलाज के लिए सकारात्मक जीवनशैली में बदलाव के साथ-साथ दवा की भी आवश्यकता होती है।
  • पीसीओडी के साथ गर्भधारण करना संभव है जबकि पीसीओएस की स्थिति में गर्भधारण करना मुश्किल होता है।
  • पीसीओडी पीसीओएस से ज्यादा आम है। पीसीओएस महिलाओं में कम देखा जाता है, जबकि पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं की संख्या पूरी दुनिया में ज्यादा है।
  • पीसीओएस वाली गर्भवती महिलाओं को मधुमेह होने का खतरा होता है जबकि पीसीओएस वाली गर्भवती महिलाओं में मधुमेह होने का जोखिम बहुत कम या बिल्कुल नहीं होता है।
  • यदि पीसीओएस का समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो यह गर्भाशय के कैंसर का कारण बन सकता है।
  • पीसीओएस PCOS की स्थिति में कंसीव करने में परेशानी होना या कंसीव के बाद मिसकैरेज होने का खतरा बना रहता है। पीसीओडी PCOD में कंसीव किया जा सकता है।
  • पीसीओएस PCOS होने पर प्रेगनेंसी के दौरान डायबिटीज होने का खतरा बना रहता है। अगर पीसीओएस PCOS का इलाज समय पर न किया गया, तो यह यूटरस कैंसर का जोखिम बढ़ा सकता है।
  • पीसीओएस एक endocrine system का रोग है। यह हार्मोनल बीमारी का कारण बन सकता है। जबकि पीसीओडी PCOD इसका शुरुआती लक्षण हो सकता है।

पीसीओडी और पीसीओएस के लक्षण (PCOS and PCOD Symptoms)

  • अनियमित पीरियड्स
  • अनियमित ब्लीडिंग पैटर्न
  • एक्ने या मुहांसे
  • वजन बढ़ना
  • बाल झड़ना

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