एबॉर्शन ब्लीडिंग : जोखिम और कब-कैसे सहायता प्राप्त करें (Abortion Bleeding: Risks and When & How to Seek Help)

एबॉर्शन ब्लीडिंग : जोखिम और कब-कैसे सहायता प्राप्त करें (Abortion Bleeding: Risks and When & How to Seek Help)

एबॉर्शन एक संवेदनशील प्रक्रिया है जो शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकती है। एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग का होना सामान्य है, लेकिन इसकी अवधि, मात्रा और लक्षण हर महिला के लिए अलग हो सकते हैं। चाहे मेडिकल एबॉर्शन हो या सर्जिकल, दोनों स्थितियों में ब्लीडिंग की प्रकृति अलग होती है। इस लेख में हम एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग से जुड़ी हर जानकारी साझा करेंगे—कब तक रहती है, क्या सामान्य है और क्या नहीं, संक्रमण से कैसे बचें और रिकवरी को तेज करने के लिए क्या करें। सही जानकारी के साथ आप अपनी सेहत का बेहतर तरीके से ख्याल रख सकती हैं।

एबॉर्शन के बाद का समय शारीरिक ही नहीं, मानसिक रूप से भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है, इसलिए इस दौरान खुद का ध्यान रखना और परिवार व दोस्तों का सहारा लेना भी महत्वपूर्ण है। एबॉर्शन के बाद की यह प्रक्रिया महिला के शरीर को ठीक होने का समय देती है और इस दौरान उचित देखभाल और चिकित्सकीय मार्गदर्शन आवश्यक होता है।

एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग कब तक होती है? (How Long Does Bleeding Last After Abortion?)

एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग एक सामान्य प्रक्रिया है जो शरीर की स्वाभाविक प्रतिक्रिया के रूप में होती है। यह ब्लीडिंग गर्भाशय से बचे हुए ऊतकों को साफ करने और उसे सामान्य स्थिति में लौटाने में मदद करती है। ब्लीडिंग की मात्रा और अवधि एबॉर्शन के तरीके (जैसे दवाओं द्वारा या सर्जिकल प्रक्रिया) और महिला के शारीरिक स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, यदि एबॉर्शन दवाओं से किया गया है, तो ब्लीडिंग अक्सर मासिक धर्म के समान होती है और कुछ दिनों से लेकर 2 सप्ताह तक रह सकती है। वहीं, सर्जिकल एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग आमतौर पर हल्की होती है और 1 सप्ताह में कम हो जाती है। तथापि, हर महिला का शरीर अलग होता है, और इसलिए ब्लीडिंग का अनुभव भी भिन्न हो सकता है। यदि ब्लीडिंग अत्यधिक हो, लंबे समय तक जारी रहे, या असामान्य लक्षण जैसे तेज दर्द या बुखार हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग क्यों होती है? (Why Does Bleeding Occur After Abortion?)

एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग होना एक सामान्य प्रक्रिया है, जो शरीर की प्राकृतिक प्रतिक्रिया के रूप में होती है। एबॉर्शन के दौरान गर्भाशय से भ्रूण और उससे जुड़े ऊतकों को निकाल दिया जाता है। इसके बाद गर्भाशय की दीवारें सिकुड़ती हैं और खुद को साफ करने के लिए ब्लीडिंग शुरू होती है।

यदि एबॉर्शन दवाओं के माध्यम से किया गया है, तो दवाएं गर्भाशय में संकुचन पैदा करती हैं, जिससे ब्लीडिंग होती है। यह प्रक्रिया मासिक धर्म की तरह होती है लेकिन इसमें रक्तस्राव अधिक हो सकता है। सर्जिकल एबॉर्शन के मामले में, ब्लीडिंग गर्भाशय के अंदरूनी हिस्सों की सफाई के कारण होती है।

यह ब्लीडिंग गर्भाशय को सामान्य स्थिति में लौटाने और शरीर से बचे हुए ऊतकों को बाहर निकालने का हिस्सा है। यदि ब्लीडिंग अत्यधिक हो, बड़े थक्के आएं, या तेज दर्द के साथ हो, तो यह असामान्य हो सकता है और डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है।

एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग, शरीर के शारीरिक और हार्मोनल परिवर्तनों का संकेत है और यह स्वस्थ रिकवरी प्रक्रिया का हिस्सा है।

गर्भाशय की अपनी स्वाभाविक सफाई प्रक्रिया (Natural Cleaning Process of the Uterus)

एबॉर्शन के बाद, गर्भाशय अपनी स्वाभाविक सफाई प्रक्रिया शुरू करता है, जो ब्लीडिंग के रूप में दिखाई देती है। यह प्रक्रिया शरीर के लिए आवश्यक है क्योंकि एबॉर्शन के दौरान गर्भाशय की दीवारों पर बचा हुआ ऊतक और रक्त को बाहर निकालने की जरूरत होती है।

गर्भाशय की यह सफाई प्रक्रिया एक प्राकृतिक शारीरिक प्रतिक्रिया है, जो गर्भाशय को स्वस्थ स्थिति में लौटाने का काम करती है। इस दौरान हल्के से मध्यम रक्तस्राव हो सकता है, जो धीरे-धीरे कम हो जाता है। दवाओं द्वारा एबॉर्शन की स्थिति में यह प्रक्रिया अधिक तीव्र हो सकती है, जबकि सर्जिकल एबॉर्शन के बाद यह अपेक्षाकृत हल्की होती है।

इस प्रक्रिया के दौरान हल्के ऐंठन और रक्त के छोटे थक्के आ सकते हैं, जो सामान्य माने जाते हैं। मगर, अत्यधिक रक्तस्राव, बड़े थक्के या असामान्य लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए। गर्भाशय की यह स्वाभाविक सफाई प्रक्रिया महिला के शरीर को स्वस्थ होने और सामान्य रूप से कार्य करने में मदद करती है।

हार्मोनल बदलाव और ब्लीडिंग का रिश्ता (Relationship Between Hormonal Changes and Bleeding)

एबॉर्शन के बाद हार्मोनल बदलाव का सीधा संबंध ब्लीडिंग से होता है। गर्भावस्था के दौरान, शरीर में हार्मोन जैसे प्रोजेस्ट्रोन और एचसीजी (HCG) का स्तर बढ़ जाता है, जो गर्भ को बनाए रखने में मदद करता है। लेकिन एबॉर्शन के बाद, इन हार्मोनों का स्तर तेजी से गिरने लगता है, जिससे शरीर और शरीर का संतुलन वापिस से लौट आता है ।

हार्मोनल स्तर में यह अचानक बदलाव गर्भाशय में संकुचन का कारण बनता है, जो ब्लीडिंग को प्रभावित करता है। दवाओं द्वारा एबॉर्शन के दौरान, हार्मोन गर्भाशय को साफ करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाते हैं। वहीं, सर्जिकल एबॉर्शन के बाद हार्मोनल परिवर्तन ब्लीडिंग की मात्रा और अवधि को प्रभावित कर सकते हैं।

हार्मोनल बदलाव महिला के भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए, एबॉर्शन के बाद उचित देखभाल और पोषण से इन बदलावों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। यदि ब्लीडिंग अनियंत्रित हो या लंबे समय तक जारी रहे, तो यह हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है और डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

हर महिला का अनुभव अलग होता है, इसलिए अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर से परामर्श लें।

मेडिकल एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग कब तक होती है? (Duration of Bleeding After Medical Abortion)

मेडिकल एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग की अवधि हर महिला के लिए अलग हो सकती है, लेकिन यह आमतौर पर 7 से 14 दिनों तक रहती है। दवाओं द्वारा किए गए एबॉर्शन के दौरान, गर्भाशय संकुचित होता है और भ्रूण के ऊतकों को बाहर निकालता है, जिससे ब्लीडिंग शुरू होती है।

पहले 1-2 दिनों में ब्लीडिंग भारी हो सकती है और इसमें रक्त के थक्के भी आ सकते हैं। यह मासिक धर्म से अधिक तीव्र हो सकती है, लेकिन यह सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है। इसके बाद, धीरे-धीरे ब्लीडिंग हल्की हो जाती है और केवल धब्बे (स्पॉटिंग) के रूप में नजर आती है।

ब्लीडिंग की अवधि और मात्रा महिला के गर्भावस्था के हफ्तों, शरीर के स्वास्थ्य, और दवाओं की प्रभावशीलता पर निर्भर करती है। यदि ब्लीडिंग दो सप्ताह से अधिक समय तक जारी रहती है, अत्यधिक भारी होती है, या अन्य लक्षण जैसे तेज बुखार, तीव्र पेट दर्द या बड़े रक्त थक्के आते हैं, तो यह असामान्य हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

मेडिकल एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग को नियंत्रित करने और रिकवरी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए पर्याप्त आराम, पौष्टिक आहार, और नियमित चिकित्सकीय जांच आवश्यक है। यह प्रक्रिया शरीर को गर्भावस्था से उबरने और सामान्य स्थिति में लौटने में मदद करती है।

एबॉर्शन पिल (मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल) के बाद ब्लीडिंग की सामान्य अवधि (7-14 दिन) (Typical Bleeding Duration After Abortion Pills (Mifepristone and Misoprostol))

मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल का उपयोग करके किए गए एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग आमतौर पर 7 से 14 दिनों तक चलती है। शुरुआती दिनों में यह भारी हो सकती है और रक्त के थक्कों के साथ हो सकती है। इसके बाद ब्लीडिंग धीरे-धीरे हल्की हो जाती है और स्पॉटिंग के रूप में दिखती है। मगर, हर महिला का अनुभव अलग हो सकता है। अगर ब्लीडिंग 2 सप्ताह से अधिक समय तक जारी रहती है या अत्यधिक होती है, तो यह असामान्य हो सकता है और डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।

कौनसी चीजें ब्लीडिंग को प्रभावित कर सकती हैं? (Factors That Affect Bleeding)

एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग की मात्रा और अवधि कई कारकों पर निर्भर करती है:

  1. डोज और दवाओं की प्रतिक्रिया: सही मात्रा में मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल का सेवन ब्लीडिंग को नियंत्रित करता है। दवाओं की कम प्रभावशीलता ब्लीडिंग को लंबा कर सकती है।
  2. गर्भाशय की सफाई प्रक्रिया: यदि गर्भाशय से ऊतक पूरी तरह बाहर नहीं निकलते, तो ब्लीडिंग लंबे समय तक हो सकती है। यह मेडिकल सहायता की आवश्यकता का संकेत हो सकता है।
  3. व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियां: महिलाओं की उम्र, हार्मोनल स्थिति, और पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याएं (जैसे एनीमिया या हार्मोनल असंतुलन) ब्लीडिंग को प्रभावित कर सकती हैं।

इन सभी कारकों के कारण ब्लीडिंग की तीव्रता और अवधि अलग-अलग हो सकती है। किसी भी असामान्यता पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

सर्जिकल एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग कब तक होती है? (How Long Does Bleeding Last After Surgical Abortion?)

सर्जिकल एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग की अवधि आमतौर पर 1 से 2 सप्ताह तक होती है, लेकिन यह महिला की शारीरिक स्थिति और प्रक्रिया के प्रकार पर निर्भर करती है। शुरुआती दिनों में ब्लीडिंग हल्की से मध्यम हो सकती है और यह धीरे-धीरे कम हो जाती है। सर्जिकल एबॉर्शन में गर्भाशय से भ्रूण और अन्य ऊतकों को हटाने के लिए चिकित्सा उपकरणों का उपयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया अधिकतर सुरक्षित होती है और ब्लीडिंग की मात्रा अपेक्षाकृत कम होती है। हालांकि, कुछ महिलाओं को हल्के ऐंठन या रक्त के छोटे थक्के का अनुभव हो सकता है। यदि ब्लीडिंग अत्यधिक हो, लंबे समय तक जारी रहे, या असामान्य लक्षण (जैसे तेज दर्द या बुखार) दिखें, तो यह संकेत हो सकता है कि गर्भाशय पूरी तरह साफ नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। सर्जिकल एबॉर्शन के बाद महिला के शरीर को सामान्य स्थिति में लौटने में कुछ समय लगता है। इस दौरान पर्याप्त आराम, पौष्टिक आहार, और चिकित्सकीय मार्गदर्शन आवश्यक है। इस दौरान खुद का ख्याल रखना और आवश्यक चिकित्सकीय मार्गदर्शन लेना महत्वपूर्ण है।

मेडिकल बनाम सर्जिकल एबॉर्शन में ब्लीडिंग – अंतर क्या है? (Difference Between Medical and Surgical Abortion Bleeding)

समेडिकल एबॉर्शन में ब्लीडिंग अधिक और लंबे समय तक हो सकती है, जो आमतौर पर 7 से 14 दिन तक रहती है। वहीं, सर्जिकल एबॉर्शन में ब्लीडिंग कम और छोटी अवधि (1 से 2 सप्ताह) तक होती है। सर्जिकल प्रक्रिया में ब्लीडिंग अधिक नियंत्रित होती है, जबकि मेडिकल प्रक्रिया में यह शरीर की प्राकृतिक सफाई पर निर्भर करती है।

एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग एक सामान्य प्रक्रिया है और शरीर के स्वस्थ होने का संकेत है। हालांकि, किसी भी असामान्यता या परेशानी के लक्षण पर डॉक्टर से संपर्क करना बेहद जरूरी है। उचित देखभाल और चिकित्सकीय सलाह से शरीर को पूरी तरह ठीक होने में मदद मिलती है।

कब डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए? (When to Consult a Doctor)

एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग सामान्य है, लेकिन अगर कोई असामान्य लक्षण दिखाई दें, तो घबराने के बजाय तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है। सही समय पर चिकित्सकीय मदद से गंभीर जटिलताओं को रोका जा सकता है।

चेतावनी संकेत:

  1. अत्यधिक ब्लीडिंग: यदि एक घंटे से कम समय में सैनेटरी पैड पूरी तरह भीग जाए, तो यह गंभीर रक्तस्राव का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें।
  2. दुर्गंधयुक्त डिस्चार्ज: योनि से खराब गंध वाले स्राव का आना संक्रमण का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में संक्रमण फैलने से पहले चिकित्सकीय परामर्श लें।
  3. बड़े रक्त के थक्के: यदि रक्त के थक्के सिक्के से बड़े हों, तो यह गर्भाशय की असामान्य स्थिति का संकेत हो सकता है। इसे अनदेखा न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
  4. तेज बुखार या पेट में गंभीर दर्द: यह संक्रमण या गर्भाशय में ऊतकों के बचने का लक्षण हो सकता है। इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत चिकित्सकीय जांच कराएं।

इन लक्षणों को अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह शरीर में संक्रमण, गर्भाशय की पूर्ण सफाई न होने या अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकता है। सही देखभाल और चिकित्सकीय मार्गदर्शन से जल्द स्वस्थ होना संभव है।

एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग को कैसे मैनेज करें? (How to Manage Bleeding After Abortion)

एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग को सही तरीके से प्रबंधित करना महिला की सेहत और रिकवरी के लिए महत्वपूर्ण है। ब्लीडिंग को मैनेज करने के लिए स्वच्छता बनाए रखना, उचित देखभाल करना और शरीर को पोषण देना जरूरी है। यह न केवल संक्रमण के जोखिम को कम करता है, बल्कि रिकवरी प्रक्रिया को भी तेज करता है। ब्लीडिंग के दौरान, महिला को अपने शरीर का ध्यान रखना चाहिए और अधिक तनाव या भारी काम से बचना चाहिए। इसके साथ ही, सही तरीके से स्वच्छता का पालन करना और संतुलित आहार लेना अत्यंत आवश्यक है।

स्वच्छता और सैनेटरी पैड का उपयोग

ब्लीडिंग के दौरान, सैनेटरी पैड का उपयोग करना सबसे सुरक्षित विकल्प है। पैड को हर 4-6 घंटे में बदलना चाहिए, ताकि संक्रमण का खतरा कम हो सके। टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप का उपयोग करने से बचें, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। नियमित रूप से नहाएं और योनि क्षेत्र को हल्के गुनगुने पानी से साफ करें। किसी भी तरह के केमिकल या खुशबूदार उत्पाद का उपयोग न करें, क्योंकि इससे जलन या संक्रमण का खतरा हो सकता है। स्वच्छता बनाए रखने से संक्रमण और अन्य जटिलताओं से बचा जा सकता है।

ब्लीडिंग कम करने के लिए टिप्स

  1. ज्यादा आराम करें: भारी काम और शारीरिक गतिविधियों से बचें।
  2. ठंडी सिकाई (Cold Compress) करें: निचले पेट पर ठंडी सिकाई करने से सूजन और दर्द कम हो सकती है।
  3. पर्याप्त पानी पिएं: हाइड्रेटेड रहने से शरीर की सफाई प्रक्रिया में मदद मिलती है।
  4. डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाइयाँ लें: दर्द या असुविधा होने पर केवल डॉक्टर की सलाह पर दवाइयॊं का सेवन करें।

अगर ब्लीडिंग अत्यधिक हो, लंबे समय तक जारी रहे, या अन्य असामान्य लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

आपके शरीर को जल्दी रिकवर करने के लिए आहार

एबॉर्शन के बाद पोषण से भरपूर आहार लेना बेहद जरूरी है।

  1. आयरन युक्त खाद्य पदार्थ: पालक, बीन्स, और गुड़ खाने से खून की कमी पूरी होती है।
  2. प्रोटीन युक्त आहार: अंडा, दूध, दालें और चिकन जैसे प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शरीर को ताकत और ऊर्जा प्रदान करते हैं।
  3. विटामिन सी युक्त फल: संतरा, नींबू और आंवला खाने से आयरन के अवशोषण में मदद मिलती है।
  4. हाइड्रेशन बनाए रखें: नींबू पानी, नारियल पानी और सूप जैसे तरल पदार्थ पिएं।

सही आहार और आराम से शरीर को जल्दी रिकवर होने में मदद मिलती है। अगर कमजोरी या थकान महसूस हो, तो डॉक्टर से परामर्श लें।

मेडिकल एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग कब तक रहती है? (How Long Does Bleeding Last After Medical Abortion?)

मेडिकल एबॉर्शन के बाद आमतौर पर ब्लीडिंग 7 से 14 दिनों तक रहती है। पहले 2-3 दिनों में ब्लीडिंग ज्यादा हो सकती है, जिसमें छोटे-छोटे थक्के भी आ सकते हैं। इसके बाद धीरे-धीरे ब्लीडिंग कम होने लगती है और स्पॉटिंग के रूप में दिखाई देती है। हर महिला का अनुभव थोड़ा अलग हो सकता है, लेकिन अगर ब्लीडिंग 2 हफ्ते से ज्यादा समय तक चलती रहे या कोई असामान्य लक्षण नजर आएं, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

सर्जिकल एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग कब बंद होती है? (When Does Bleeding Stop After Surgical Abortion?)

सर्जिकल एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग आमतौर पर 1 से 2 हफ्ते तक रहती है। शुरुआत में हल्की से मध्यम ब्लीडिंग हो सकती है, जो धीरे-धीरे कम हो जाती है। कुछ मामलों में ब्लीडिंग कुछ दिनों के बाद सिर्फ स्पॉटिंग के रूप में रह जाती है। अगर ब्लीडिंग बहुत ज्यादा हो जाए या लंबे समय तक जारी रहे, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

कौनसी ब्लीडिंग सामान्य है और कौनसी असामान्य? (What Bleeding is Normal and What is Abnormal?)

सामान्य ब्लीडिंग: हल्की से मध्यम ब्लीडिंग जो धीरे-धीरे कम हो जाए। छोटे रक्त के थक्के और हल्की ऐंठन भी सामान्य मानी जाती है। असामान्य ब्लीडिंग: अगर एक घंटे में सैनेटरी पैड पूरी तरह भीग जाए, बड़े-बड़े थक्के आएं, या ब्लीडिंग 2 हफ्ते से ज्यादा समय तक चलती रहे। इसके अलावा, दुर्गंधयुक्त डिस्चार्ज या तेज पेट दर्द होना भी असामान्य है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

इंफेक्शन से कैसे बचा जाए? (How to Prevent Infection)

  1. सैनेटरी पैड का उपयोग करें और हर 4-6 घंटे में बदलें।
  2. टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप का उपयोग न करें, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
  3. योनि क्षेत्र को हल्के गुनगुने पानी से साफ रखें और कठोर साबुन का इस्तेमाल न करें।
  4. डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयॊं को समय पर और सही तरीके से लें।
  5. अगर कोई भी असामान्य लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

निष्कर्ष (Conclusion)

एबॉर्शन के बाद ब्लीडिंग एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन इसे मैनेज करना और सही जानकारी रखना बेहद जरूरी है। चाहे मेडिकल एबॉर्शन हो या सर्जिकल, दोनों में ब्लीडिंग की अवधि और तीव्रता अलग हो सकती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने शरीर के संकेतों को पहचानें और किसी भी असामान्य लक्षण को नज़रअंदाज़ न करें। स्वच्छता का ध्यान रखें, पोषक आहार लें और मानसिक रूप से खुद को मजबूत बनाए रखें।

अगर कभी भी कोई चिंता या शंका हो, तो बिना देरी किए डॉक्टर से परामर्श लें। सही देखभाल और जागरूकता से न सिर्फ आपके शरीर को जल्दी रिकवरी में मदद मिलेगी बल्कि मानसिक शांति भी मिलेगी। याद रखें, अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए।

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