पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम अर्थात बहुगंठिय अंडाशय रोग आजकल महिलाओं में अक्सर पाया जाता है। यह रोग महिलाओं में प्रजनन आयु के दौरान शुरू हो सकता है। यह एक हॉरमोनल रोग है जहाँ उनके अंडाशय में गांठ सृष्टि होती है। इसके कारण महिलाएं अनियमित माहवारी अनुभव करती है। PCOS के कारण शरीर में हॉरमोनल असंतुलन भी पैदा होता है जिसके कारण महिलाएं विभिन्न समस्याएं भी अनुभव करती है।
अक्सर लोगों को PCOS और PCOD के अंतर में गलतफहमी होती है। PCOS का पूरा अर्थ है पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम और PCOD का अर्थ है पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज। दोनों के शब्दावली के समानता होने के बावजूद इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर है।
PCOS और PCOD में अंतर समझने के पहले हमें PCOS को विस्तार में जानने की आवश्यकता है।
PCOS होने की वजह है हॉरमोनल असंतुलन जिसके कारण महिलाओं के अंडाशय में निम्न प्रकार के अनेक गांठ (अर्थात सिस्ट) निर्माण होते है। इसके कारण शरीर में एंड्रोजन हॉरमोन की मात्रा अधिक हो जाती है। इस हॉरमोनल असंतुलन से एक बड़ी समस्या पैदा होती है जिस कारण PCOS एक अधिक चिंताजनक रोग माना जाता है। यह है PCOS का ओवुलेशन पर प्रभाव। यह विषय इतना कठोर है कि कुछ महिलाए PCOS के कारण गर्भ धारण नहीं कर पाती है।
इंसुलिन प्रतिरोध PCOS के एक महत्वपूर्ण कारणों में से एक है। जब शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति संवेदनशील नहीं रहतीं, तो रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है, जिससे वजन बढ़ने और मधुमेह (अर्थात डायबिटीज़) जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इस कारण भी अनेक महिलाए PCOS का शिकार बनती है। हॉरमोनल असंतुलन के अलावा अस्वस्थ जीवन शैली और शारीरिक वज़न बढ़ने के कारण भी PCOS का निर्माण हो सकता है। यह सब समस्याएं एक साथ होने के कारण भी शरीर में PCOS का निर्माण हो सकता है।
अनुचित आहार, व्यायाम की कमी और तनावपूर्ण जीवनशैली भी PCOS को बढ़ावा दे सकती है। साथ ही, यदि परिवार में किसी को PCOS रहा हो, तो इसके आनुवंशिक रूप से आगे बढ़ने की संभावना रहती है। उदाहरण के लिए मानिए कोई महिला कि मातृ पक्ष में PCOS का इतिहास रहा हो तो, उस महिला के खुद भी PCOS होने कि संभावना बढ़ जाति है। इसके अलावा अगर कोई महिला अस्वस्थकर जीवन शैली का पालन कर रही हो तो उसमे PCOS होने कि संभावना भी अधिक बढ़ सकती है। क्योंकि PCOS और गर्भावस्था काफी बारीकी से संबंधित है, महिलाओं को सबसे पहले अपनी जीवन शैली का सुधार करना चाहिए।
इंसुलिन प्रतिरोध PCOS के एक महत्वपूर्ण कारणों में से एक है। जब शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति संवेदनशील नहीं रहतीं, तो रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है, जिससे वजन बढ़ने और मधुमेह (अर्थात डायबिटीज़) जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इस कारण भी अनेक महिलाए PCOS का शिकार बनती है। हॉरमोनल असंतुलन के अलावा अस्वस्थ जीवन शैली और शारीरिक वज़न बढ़ने के कारण भी PCOS का निर्माण हो सकता है। यह सब समस्याएं एक साथ होने के कारण भी शरीर में PCOS का निर्माण हो सकता है।