पोस्टपार्टम ब्लीडिंग कि अवधि (Duration of Postpartum Bleeding)

पोस्टपार्टम ब्लीडिंग कि अवधि (Duration of Postpartum Bleeding)

डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर में अनेक प्रकार के शारीरिक और हार्मोनल परिवर्तन देखे जाते हैं। इनमें से एक है पोस्टपार्टम ब्लीडिंग जिसको लोकिया के नाम से भी जाना जाता है। इसे सरल तरीके से समझना हो तो हम कह सकते हैं की लोकिया गर्भाशय को डिलीवरी के बाद साफ करने की प्रक्रिया है। अगर आपको जानना है की डिलीवरी के बाद कितने दिन तक ब्लीडिंग होती है, तो आप यह मानकर चल सकते हैं की 2 से 6 हफ्ते तक ब्लीडिंग होती है। पहले कुछ दिनों में खून का स्राव बहुत तीव्र होता है और रंग भी गहरा लाल होता है। धीरे-धीरे कुछ दिनों में खून बहने की तीव्रता कम हो जाती है और इसके साथ-साथ खून का रंग भी बदलता है। अंत में यह स्राव सफेद या पीले रंग का हो सकता है। साधारण डिलीवरी के बाद यह ब्लीडिंग बहुत दिनों तक चल सकती है, लेकिन सिजेरियन डिलीवरी के बाद यह ब्लीडिंग कम दिनों तक भी चल सकती है।

डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग क्या होती है? (What is Bleeding After Delivery?)

अगर आप सोच रहे हैं की डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग कब तक होती है तो आप पहले यह समझे की यह ब्लीडिंग गर्भाशय साफ करने का एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। इस ब्लीडिंग को लोकिया कहा जाता है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। डिलीवरी के दौरान प्लेसेंटा बाहर निकलता है जिसके कारण गर्भाशय के ब्लड वेसल्स टूट जाते हैं। यह ब्लड वेसल्स धीरे-धीरे ठीक होती है और इसी प्रक्रिया को पोस्टपार्टम ब्लीडिंग कहा जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान गर्भाशय में जमा हुआ हुई खून और अन्य अवशेष शरीर से निकल जाते है। इस रक्त स्राव (ब्लीडिंग) के 3 स्तर होते है जिनमें ब्लीडिंग कि तीव्रता और खून का रंग बदलता है। पोस्टपार्टम ब्लीडिंग के पहले स्तर की लोकिया रूब्रा (Lochia Rubra) के नाम से जाना जाता है। इसका द्वितीय स्तर लोकिया सेरोसा (Lochia Serosa) से जाना जाता है और अंतिम स्तर का नाम है लोकिया अल्बा (Lochia Alba)।

Lochia – पोस्टपार्टम ब्लीडिंग का एक स्वाभाविक हिस्सा (Lochia – A Natural Part of Postpartum Bleeding)

Lochia गर्भाशय की प्राकृतिक सफाई की एक प्रक्रिया है, जो डिलीवरी के बाद शरीर से रक्त, टिशू और अन्य तरल पदार्थ निकालने में मदद करती है। इसका मुख्य उद्देश्य गर्भाशय में संकुचन लाना और उसे सामान्य आकार में लाना होता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर 6 हफ्तों तक चल सकती है और इसमें ब्लीडिंग कि मात्रा धीरे-धीरे कम होती जाती है।

Lochia के अलग-अलग स्टेज (स्तर) (Different Stages of Lochia)

  • Lochia Rubra (पहले 4-7 दिन): यह पोस्टपार्टम ब्लीडिंग का पहला स्तर है जिसमें डिलीवरी के ठीक 4 से 7 दिन बाद तक ब्लीडिंग चलती है। इस दौरान ब्लीडिंग का रंग गहरा लाल होता है और खून में छोटे-छोटे रक्त के थक्के भी हो सकते हैं। इस स्तर में ब्लीडिंग की तीव्रता भी अधिक हो सकती है।
  • Lochia Serosa (7-14 दिन): यह पोस्टपार्टम ब्लीडिंग का द्वितीय स्तर है। इस दौरान ब्लीडिंग डिलीवरी के सातवें दिन से लेकर चौदहवां दिन तक चलती है। इस स्तर के दौरान ब्लीडिंग का रंग गहरी लाल से बदलकर भूरे रंग का हो जाता है। इसका मतलब है कि गर्भाशय धीरे-धीरे ठीक हो रहा है। इस दौरान ब्लीडिंग की तीव्रता कम होती है, लेकिन हल्का दाग-धब्बा (स्पॉटिंग) होने कि संभावना भी रहती है।
  • Lochia Alba (2-6 हफ्ते): यह पोस्टपार्टम ब्लीडिंग का अंतिम स्तर है और डिलीवरी के द्वितीय हफ्ते से चालू होकर छठे हफ्ते तक चलता है। इस दौरान ब्लीडिंग का रंग हल्के पीले से लेकर सफेद हो सकता है। इसमें मुख्य रूप से सफेद रक्त की कोशिकाएं (वाइट ब्लड सेल्स) और कुछ तरल पदार्थ होते है। इस अंतिम स्तर में बहाव कि तीव्रता सबसे कम होती है और केवल हल्का डिस्चार्ज निकलता है।

नॉर्मल डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग कितने दिन तक होती है? (How Long Does Bleeding Last After Normal Delivery?)

नॉर्मल अर्थात प्राकृतिक डिलीवरी के बाद कितने दिन ब्लीडिंग होती है, यह एक आम सवाल है जो अधिकतर महिलाएं पूछती हैं।

नॉर्मल डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग की सामान्य अवधि

नॉर्मल अर्थात प्राकृतिक डिलीवरी के बाद, ब्लीडिंग आमतौर पर 4 से 6 हफ्तों तक होती है। पहले कुछ दिनों तक यह ब्लीडिंग अधिक मात्रा में होती है जो धीरे-धीरे कम होती है। अंतिम कुछ दिनों में यह ब्लीडिंग केवल हलकी स्पॉटिंग और डिस्चार्ज बनके रुक जाती है। यह पोस्टपार्टम ब्लीडिंग का रंग और तीव्रता बहुत कारकों पर निर्भर होता है, जैसे महिला कि शारीरिक स्वास्थ और गर्भाशय का संकुचन (कॉन्ट्रैक्शन)। इस दौरान, अगर आपको ब्लीडिंग कि स्राव बहुत दिनों तक तीव्रता से हो रहा हो, तो डाक्टर कि राय लेना आवश्यक है।

कौन-सी चीजें ब्लीडिंग को प्रभावित कर सकती हैं? (Factors Affecting Bleeding)

  • Breastfeeding (स्तनपान): स्तनपान के दौरान शरीर में ऑक्सीटोसिन हॉरमोन की मात्र बढ़ जाता है, जो गर्भाशय को संकुचित करने में मदद करता है। इससे नॉर्मल डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग तेजी से कम होती है। जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं, उनमें ब्लीडिंग जल्दी कम होने की संभावना अधिक होती है।
  • Uterine Contractions (गर्भाशय संकुचन): गर्भाशय का संकुचित होना ब्लीडिंग को नियंत्रित करने में सहायक होता है। डिलीवरी के बाद गर्भाशय धीरे-धीरे अपने सामान्य आकार में लौटता है, जिससे ब्लीडिंग कम होता है। यदि संकुचन ठीक से न हो, तो ब्लीडिंग अधिक हो सकती है।
  • Physical Activity (शारीरिक परिश्रम): अत्यधिक शारीरिक परिश्रम करने से नॉर्मल डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग बढ़ सकती है। भारी चीज़ें उठाने पर, अधिक देर तक खड़े रहने पर, या अधिक चलने-फिरने से ब्लीडिंग अचानक बढ़ सकती है। इसलिए, पहले कुछ हफ्तों में आराम करना और अत्यधिक परिश्रम ना करना आवश्यक है।

C-Section के बाद ब्लीडिंग कितने दिन तक होती है? (How Long Does Bleeding Last After C-Section?)

C-Section डिलीवरी के बाद कितने दिन तक ब्लीडिंग होती है, यह जाने के लिए आपको पहले यह समझना है कि इस तकनीक में डाक्टर सर्जरी के दौरान ही गर्भाशय साफ़ कर देते है। इस कारण, C-Section अर्थात सिजेरियन डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग नॉर्मल डिलीवरी से कम होती है।

C-Section ब्लीडिंग की सामान्य अवधि

C-Section के बाद ब्लीडिंग कि अवधी आमतौर पर केवल 2 से 4 हफ्तों तक होती है। इसका कारण है कि नार्मल डिलीवरी के दौरान गर्भाशय साफ़ नहीं हो पाता। लेकिन सीज़ेरियन डिलीवरी के दौरान डाक्टर खुद गर्भाशय की सफ़ाई कर देते है। इस कारण पोस्टपार्टम ब्लीडिंग कि तीव्रता और अवधी दोनों कम होती है। इसमें भी, ब्लीडिंग कि तीव्रता और अवधी कुछ कारकों पर निर्भर करती है, जैसे महिला का शारीरिक स्वास्थ और गर्भाशय का संकोचन। यदि महिला का शारीरिक सस्वास्थ अच्छा होता है, तो C-Section के बाद पोस्टपार्टम ब्लीडिंग कम होती है। और यदि गर्भाशय में संकोचन अधिक होता है, तभ भी यह ब्लीडिंग बढ़ सकती है।

नॉर्मल डिलीवरी vs. C-Section ब्लीडिंग – अंतर क्या है? (Normal Delivery vs. C-Section Bleeding – What’s the Difference?)

  • C-Section के बाद ब्लीडिंग: C-Section डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम ब्लीडिंग कम होने का मुख्य कारण यह है कि सर्जरी के दौरान गर्भाशय को साफ़ किया जाता है। इसके कारण जो ब्लीडिंग अधिक दिनों तक चलती है, वह ब्लीडिंग अब सिर्फ 2 से 4 हफ्तों तक चलती है। C-Section डिलीवरी में पोस्टपार्टम ब्लीडिंग कि तीव्रता और खून का रंग भी नार्मल डिलीवरी से कुछ अलग होती है। इसमें खून गुलाबी या फिर भूरे रंग का ही निकलता है।
  • नॉर्मल डिलीवरी में ब्लीडिंग: और नार्मल डिलीवरी के बाद कितने दिन तक ब्लीडिंग होती है? C-Section कि तुलना में, नार्मल डिलीवरी में पोस्टपार्टम ब्लीडिंग अधिक दिनों तक होती है (4 से 6 हफ्तों तक)। इस ब्लीडिंग की मात्रा गर्भाशय के संकोचन पर भी अधिकतर निर्भर करती है। और इस ब्लीडिंग के दौरान, खून के साथ-साथ अवशिष्ट टिशू भी निकलते है।

कब डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए? (When to Consult a Doctor?)

पोस्टपार्टम ब्लीडिंग एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में यह किसी जटिलता का संकेत भी हो सकती है। यदि C-Section के बाद ब्लीडिंग या नॉर्मल डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग सामान्य से अधिक हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कुछ चेतावनी के संकेत या लक्षण आपको ध्यान में रखना रखने चाहिए जैसे:

  • यदि एक घंटे में एक पैड (pad) पूरी तरह भर रहा हो: इतनी अत्यधिक ब्लीडिंग पोस्टपार्टम हेमोरेज (Postpartum Hemorrhage) का संकेत हो सकता है। इसके लिए आपको तुरंत डाक्टर को दिखने की दआवश्यकता है और इसकी चिकित्सा करना महत्वपूर्ण है।
  • रक्तस्राव से तेज बदबू आ रही हो: यदि पोस्टपार्टम ब्लीडिंग के खून से अधिक तेज बदबू आ रही हो, तो यह किसी अंतर्निहित इन्फेक्शन का लक्षण हो सकता है। इस तरह का इन्फेक्शन का यदि इलाज न हो, तोह यह एंडोमेट्रिटिस का रूप भी धारण कर सकता है। इस बीमारी में बदबूदार खून के साथ-साथ बदबूदार डिस्चार्ज भी निकलता है।
  • बहुत बड़े आकार के क्लॉट (थक्के) आ रहे हों: यदि पोस्टपार्टम ब्लीडिंग के दौरन, खून के थक्के अधिक बड़े आकर के निकलते हो, तो यह भी बहुत गंभीर विषय हो सकता है। अगर यह थक्के अंगूर के आकर से भी बड़े हो, तो आपको अपने नज़दीकी डाक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
  • तेज पेट दर्द या बुखार हो – लगातार तेज पेट दर्द, ठंड लगना या 100.4°F (38°C) से अधिक बुखार भी संक्रमण (इन्फेक्शन) का संकेत हो सकता है और आपको तुरंत अपने नज़दीकी डाक्टर से संपर्क करना चाहिए।

पोस्टपार्टम ब्लीडिंग को कैसे मैनेज करें? (How to Manage Postpartum Bleeding?)

पोस्टपार्टम ब्लीडिंग को मैनेज करने के बहुत सहज उपाय है। जैसे, दैनिक जीवन में स्वच्छता बनाए रखें और सेनेटरी पैड का उपयोग करें । कुछ ब्लीडिंग कम करने के उपाय उपलब्ध है जिन्हे नीचे विस्तार में लिखा है ।

Hygiene & Sanitary Pads का उपयोग

  • पोस्टपार्टम ब्लीडिंग के दौरान टैम्पोन (Tampon) या मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। हमेशा मेटरनिटी पैड (Maternity Pad) या नॉर्मल पैड का उपयोग करें।
  • योनि कि सफाई पर विशेष ध्यान दें और हाइजीन बनाए रखें क्योंकि लंबे समय तक एक ही पैड उपयोग करने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
  • हर बार टॉयलेट जाने के बाद हल्के गुनगुने पानी से सफाई करें और धीरे-धीरे सुखाएं ताकि बैक्टीरियल इन्फेक्शन न हो सके।

Hygiene & Sanitary Pads का उपयोग

  • पोस्टपार्टम ब्लीडिंग के दौरान टैम्पोन (Tampon) या मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। हमेशा मेटरनिटी पैड (Maternity Pad) या नॉर्मल पैड का उपयोग करें।
  • योनि कि सफाई पर विशेष ध्यान दें और हाइजीन बनाए रखें क्योंकि लंबे समय तक एक ही पैड उपयोग करने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
  • हर बार टॉयलेट जाने के बाद हल्के गुनगुने पानी से सफाई करें और धीरे-धीरे सुखाएं ताकि बैक्टीरियल इन्फेक्शन न हो सके।

ब्लीडिंग कम करने के लिए टिप्स

  • भारी सामान उठाने या अत्यधिक चलने-फिरने से ब्लीडिंग बढ़ सकती है, इसलिए पर्याप्त आराम करें।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी, जूस, या ORS पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और रिकवरी प्रक्रिया तेज होती है।
  • डिलीवरी के दौरान खून की कमी हो जाती है, जिससे कमजोरी महसूस हो सकती है। आयरन (Iron) सप्लीमेंट लेने से हीमोग्लोबिन का स्तर सही बना रहता है और शरीर जल्दी ठीक होता है।

आपके शरीर को जल्दी रिकवर करने के लिए आहार

  • पालक, ब्रोकली, दालें और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ (अंडे, दूध, पनीर, दही) गर्भाशय की रिकवरी में मदद करते हैं।
  • संतरा, नींबू, आंवला और टमाटर जैसे विटामिन C युक्त खाने शरीर की प्रतिरक्षा तंत्र (Immunity) को मजबूत करते हैं और सर्जरी या टांकों के घाव जल्दी भरने में मदद करते हैं।
  • अखरोट, बादाम और अलसी (Flaxseed) का सेवन करने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और सूजन कम होती है।

FAQs – डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग के बारे में सब कुछ

1. नॉर्मल डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग कितने दिन तक रहती है?

नॉर्मल डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग आमतौर पर 4 से 6 हफ्तों तक रहती है। पहले कुछ दिनों में ब्लीडिंग अधिक होती है, जिसे Lochia Rubra कहा जाता है। इसके बाद ब्लीडिंग हल्के गुलाबी-भूरे रंग की हो जाती है (Lochia Serosa) और फिर सफेद या पीले रंग की डिस्चार्ज में बदल जाती है (Lochia Alba)। यह ब्लीडिंग धीरे-धीरे कम होती जाती है। हालांकि, अगर ब्लीडिंग बहुत अधिक हो, तेज बदबू आए, या बड़े रक्त के थक्के निकले, तो यह संक्रमण का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

2. C-Section डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग कब बंद होती है?

C-Section के बाद ब्लीडिंग आमतौर पर 2 से 4 हफ्तों में समाप्त हो जाती है। क्योंकि सर्जरी के दौरान डॉक्टर गर्भाशय की सफाई कर देते हैं, इसलिए ब्लीडिंग नॉर्मल डिलीवरी के मुकाबले कम मात्रा में और कम समय तक होती है। पहले सप्ताह में ब्लीडिंग गहरे लाल रंग की होती है, फिर यह हल्के गुलाबी-भूरे रंग में बदलती है, और अंत में, सफेद या हल्के पीले रंग का डिस्चार्ज रह जाता है। यदि C-Section के बाद ब्लीडिंग अचानक बढ़ जाए, लंबे समय तक जारी रहे, या संक्रमण के लक्षण (बदबू, बुखार, तेज दर्द) दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर कि सलाह लेनी चाहिए।

3. लोकिया और पीरियड ब्लीडिंग में क्या अंतर है?

लोकिया (Lochia) और पीरियड ब्लीडिंग में मुख्य अंतर यह है कि लोकिया गर्भाशय की सफाई प्रक्रिया का एक हिस्सा होता है और डिलीवरी के बाद होता है। जबकि पीरियड ब्लीडिंग मासिक धर्म चक्र (माहवारी) का एक सामान्य हिस्सा होता है। लोकिया में रक्त के साथ गर्भाशय की परत और गर्भावस्था के दौरान जमा हुए टिशू भी निकलते हैं। यह 4-6 हफ्तों तक चलती है और धीरे-धीरे हल्की हो जाती है। इसके तुलना में, माहवारी का ब्लीडिंग अधिकतर समय केवल 1 हफ्ते तक चलती है और इसमें कोई टिशू या गर्भाशय कि परत नहीं निकलती।

4. Breastfeeding से ब्लीडिंग कैसे कम होती है?

Breastfeeding (स्तनपान) से ब्लीडिंग कि तीव्रता और अवधी दोनों कम हो सकती है। क्योंकि इससे शरीर में ऑक्सीटोसिन (Oxytocin) हॉर्मोन फैलता है। यह हॉर्मोन गर्भाशय को संकुचित करने में मदद करता है, जिससे पोस्टपार्टम ब्लीडिंग जल्दी रुकती है। यही नहीं, बल्कि स्तनपान कराने वाली माताओं में गर्भाशय का आकार जल्दी सामान्य हो जाता है, जिससे ब्लीडिंग कम हो जाती है। इसके विपरीत, जो महिलाएं स्तनपान नहीं कराती हैं, उनमें ब्लीडिंग की अवधि थोड़ी अधिक हो सकती है।

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